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संदेश

राष्ट्री य सेवा योजनाराष्ट्र  की युवाशक्‍ित के व्य।क्तिंत्वतविकास हेतु युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित एक सक्रियकार्यक्रम है। इसके गतिविधियों में भाग लेने वाले विद्यार्थी, समाजके लोगों के साथ मिलकर समाज के हित के कार्य करते है। साक्षरता संबंधी कार्य, पर्यावरणसुरक्षा, स्वांस्य्का  एवं सफाई आपातकालीन या प्राकृतिक आपदा के समयपीड़ीत लोगों की सहायता आदि। विद्यार्थी जीवन से ही समाजपयोगी कार्यों में रत रहनेसे उनमें समाज सेवा या राष्ट्रग सेवा के गुणो का विकास होता है। एक आदर्श नागरिकबनने के लिए इन गुणों का विकास होना अत्यंसत आवश्यरक है।

राजीव गाँधी शासकीय कला एवंवाणिज्य महाविद्यालय लोरमी अध्ययनरत छात्र छात्राओं को सामाजिक समस्याइओं के प्रति जागरूक बनाने तथा उनके समाधान के लिएरचनात्म क कार्यों में प्रेरित करने के लिएसतत् प्रयत्ननशील है।

लक्ष्य और उद्धेश्य

राष्ट्रीय सेवा योजना का उद्धेश्य विद्यार्थिओं कीसामाजिक चेतना को जागृत करना और उन्हें निम्नानुसार अवसर उपलब्ध करवाना है.

१. लोगों के साथ मिलकर कार्य करना।
२. स्वयं को सृजनात्मक और रचनात्मक सामाजिक  कार्योंमें प्रवृत्त करना।
३. स्वयं तथा समुदाय की ज्ञान वृद्धि करना।
४. समस्याओं को कुछ  नकुछ हल करने में स्वयं की प्रतिभा का व्यावहारिक उपयोग करना।
५. प्रजातांत्रिक नेतृत्व को क्रियान्वित करने मेंदक्षता प्राप्त करना।
६. स्वयं को रोजगार के योग्य बनाने के लिएकार्यक्रम विकास में दक्षता प्राप्त करना।
७. शिक्षित और अशिक्षितों के बीच की दूरी कोमिटाना।
८. समुदाय के कमजोर वर्ग की सेवा के लिए स्वयं मेंइच्छाएँ जागृत करना।

 

राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रमों का स्वरूप

राष्ट्रीयसेवा योजना के अन्तर्गत दो प्रकार के कार्यक्रमों कासंचालन होता है

१-      नियमितगतिविधियाँ

२-     २-सात दिवसीय विशेष शिविर कार्यक्रम।

 

१-     नियमित गतिविधियाँ 

सामान्य कार्यक्रम के अन्तर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना मेंपंजीकृत प्रत्येक विद्यार्थी को स्वयं सेवक के रूप में एक वर्ष में कम से कम १२०घण्टे का समाज सेवा कार्य करना पड़ता है और दो वर्ष की अवधि में अर्थात् २४० घण्टेका समाज सेवा कार्य पूरा करने पर उसे विश्वविद्यालय/महाविद्यालय से प्रमाण पत्रदिया जाता है।

२-     सात दिवसीय विशेष शिविर कार्यक्रम

राष्ट्रीय सेवा योजना की प्रत्येक इकाई द्वारा वर्ष में एक दसदिवसीय विशेष शिविर का आयोजन किया जाता है। शिविर विश्वविद्यालय महाविद्यालय केनिकट किसी ग्राम में लगाया जाता है। विशेष शिविर में शिविर अनुभव भी अपना एक विशेषमहत्व रखता है। इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागी शिविर जीवन का आनन्द लेते हैं। एकअच्छे नागरिक के कर्त्तव्य अनुभव करते हैं एवं समाज के लिए वे क्या सेवा कर सकतेहैं इसका ज्ञान प्राप्त करते हैं।

 

राष्ट्रीय सेवा योजना के लाभ

राष्ट्रीयसेवा योजना छात्र/छात्राओं को सृजनात्मक एवं रचनात्मक कार्यों के प्रति प्ररित करसमाज सेवा का अवसर प्रदान करती है और उनके व्यक्तित्व को निखारने एवं भविष्य मेंउन्हें कर्त्तव्यनिष्ठ, संवेदनशील तथा उपयोगी नागरिक के रूप में संवारने मेंमहत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। राष्ट्रीय सेवा योजना से प्राप्त प्रमाण.पत्रस्वयं सेवकों के अच्छे भविष्य के निर्माण में सहायक हैं। छात्र शासकीय तथा गैरशासकीय सेवाओं में इन प्रमाण.पत्रों का प्रयोग कर सकते हैं। उच्चतर कक्षाओं केविभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के समय राष्ट्रीय सेवा योजना प्रमाण.पत्र धारकछात्रों को अतिरिक्त बोनस अंक भी दिये जाते हैं।

 

राष्ट्रीय सेवा योजनान्तार्गत संचालितगतिविधियाँ

राष्ट्रीयसेवा योजना की विभिन्न इकाईयों द्वारा स्थानीय आवश्यकताओं स्त्रोतों और कुशलव्यक्तियों को देखते हुए विविध प्रकार के कार्यक्रम अभिग्रहित क्षेत्रों में लिएजा सकते हैं। इसके अतिरिक्त विद्यार्थीगण अन्य क्षेत्रों में भी सेवा कार्य के लिएस्वतंत्र होंगे। राष्ट्रीय सेवा योजना के अन्तर्गत निम्नलिखित गतिविधियाँ हो सकतीहैं।
 
१- शिक्षा एवं मनोरंजन इसके अन्तर्गतसाक्षरता, स्कूली शिक्षा पाठशाला छोड़ने वाले बच्चों की शिक्षा बालगृहोंमें कार्यशाला प्रवेश कार्यक्रम सांस्कृतिक गतिविधियाँ ग्रामीण एवं देशी खेलकूद सामाजिकबुराईयों के उन्मूलन पर चर्चाएँ एवं जागरूकता के कार्यक्रमों का आयोजन मुखय है।

आपातकालके कार्यक्रम विद्यार्थियों को प्रमुख रूप से लोगों को उनकी असहायता पर काबू पानेयोग्य बनाने के लिए उनके साथ मिलकर कार्य करने सम्बन्धी कार्यक्रमों पर जोर देनाचाहिए। इसके अलावा प्राकृतिक विपदाओं जैसे भूकम्प बाढ  तूफानआदि के आने पर सहाया और पुर्वास कार्यो में स्थानीय लोगों अधिकारियों संस्थाओं कोसहयोग देना प्रमुख हैं।

३-      पर्यावरण संवर्धन एवंपरिक्षण ऐतिहासिक स्मारकों पुरावशेषों व अन्य सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण एवंउनके प्रति चेतना पैदा करना पर्यावरण के प्रति समाज में चेतना जागृत करनावृक्षारोपण उनका बचाव और अनुरक्षण स्वच्छता के लिए सड़कों गलियों नालियों तालाबोंपोखरों कुओं आदि की सफाई भूमि क्षरण की रोकथाम तथा भूमि सुधार गोबर गैस संयत्र सौरऊर्जा के प्रयोग का प्रचार करना।

४-     स्वास्थ्य परिवारकल्याण और आहार पोषण कार्यक्रम टिकाकरण रक्तदान स्वास्थ्य शिक्षा और प्राथमिकस्वास्थ्य की देखभाल जनसंखया शिक्षा और परिवार कल्याण रोगियों अनाथों वृद्धों कीसहायता स्वच्छ पेयजल के प्रदाय की व्यवस्था एकीकृत बाल विकास तथा पौष्टिक आहारकार्यक्रमों का संचालन।

५-     महिलाओं के स्तर सुधारके कार्यक्रम महिलाओं की शिक्षा तथा उन्हें अपने संवैधानिक और कानूनी अधिकारों केप्रति सचेत करना उनके सशक्तीकरण के उपाय सुझाना उन्हें आत्मनिर्भर बनाने हेतुविभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण आदि कार्यक्रम संचालित करना।

६-     उत्पादनोन्मुखीकार्यक्रम उन्नत कृषि के तरिकों की जानकारी कीट व खरपतवार नियंत्रण भूमि परिक्षणएवं उपजाऊपन की देखभाल कृषि यंत्रों की देखभाल सहकारी समितियों के सुदृढ़ीकरण औरउनके प्रोत्साहन के लिए फार्म पशु पालन कुक्कुट पालन पशु स्वास्थ्य के बारे मेंसहायता एवं मार्गदर्शन कृषि तकनीकों के प्रयोग के प्रति जागरूकता पैदा करना आदि।

७-     अन्य गतिविधियाँ जोस्थानीय आवश्यकताओं एवं प्राथमिकताओं के आधार पर की जाएँ।